Thursday, 26 January 2017

Master Mobile Repair Parts-02

VOLTE Introduction


इंटरनेट प्रोटोकॉल या IP पर आधारित LTE नेटवर्क को ही VoLTE (Voice Over Long Term Evolution) का नाम दिया गया है। दरअसल LTE के जरिए वॉइस कॉलिंग भी की जा सकती है। इसके लिए कैरियर्स को अपने वॉइस कॉल नेटवर्क में बदलाव लाना पड़ता है।


GSM, UMTS और CDMA2000 (2G या 3G) में कॉलिंग 'सर्किट स्विच्ड' होती है। यानी जब एक फोन से दूसरे में कॉल की जाती है, दोनों टेलिफोन के बीच सेल्यूलर नेटवर्क के जरिए एक तरह का सर्किट बनाना पड़ता है। यह सर्किट तब तक बना रहता है, जब तक कॉल बनी रहे। मगर VoLTE में ऐसा इंजिनियर्ड नेटवर्क बनाया जाता है, जो IP मल्टीमीडिया सबसिस्टम नेटवर्क पर आधारित होता है। इसमें वॉइस कॉलिंग LTE से डेटा के जरिए ही की जाती। इसमें 'सर्किट स्विच वॉइस नेटवर्क' जैसा कुछ नहीं करना पड़ता। इसीलिए इसकी क्वॉलिटी भी अच्छी होती है।



GPRS - जनरल पैकेट रेडियो सर्विस

जनरल पैकेट रेडियो सर्विस (GPRS) एक पैकेट उन्मुख मोबाइल डेटा सेवा है, जो 2G सेल्युलार संचार प्रणाली की मोबाइल संचार की वैश्विक प्रणाली (GSM), साथ ही साथ 3G प्रणाली में उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है। 2G प्रणाली में, GPRS, 56-114 kbit/s का डेटा दर प्रदान करता है।[1]

GPRS डेटा अंतरण के लिए, आम तौर पर प्रति मेगाबाईट के स्थानांतरित ट्रेफिक के अनुसार शुल्क लिया जाता है, जबकि पारंपरिक सर्किट स्विचिंग के माध्यम से डेटा संचार, प्रति मिनट संयोजन समय के हिसाब से देय है, बिना इस बात का लिहाज किए कि उपयोगकर्ता वास्तव में क्षमता का उपयोग कर रहा है या निष्क्रिय अवस्था में है। GPRS एक सर्वश्रेष्ठ प्रयास पैकेट स्विच्ड सेवा है, सर्किट स्विचिंग के विपरीत, जिसमें गैर मोबाइल उपयोगकर्ताओं के लिए कनेक्शन के दौरान एक निश्चित सेवा की गुणवत्ता (QoS), की गारंटी दी जाती है।

GPS - Global Positioning System

आजकल लगभग सभी स्‍मार्टफोनों में जीपीएस प्रणाली का फीचर दिया जा रहा है। मगर अधिक्‍तर फोन उपभोक्‍ताओं को जीपीएस के बारे में पता नहीं होता। दरअसल जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्‍टम)  एक उपग्रह प्रणाली पर काम करता है। जीपीएस तकनीक उपग्रहों द्वारा भेजे गए संदेशो पर काम करती है। मोबाइल में जीपीएस तकनीक के प्रयोग द्वारा यूजर अपनी स्थिती का आसानी से पता लगा सकता है मान लीजिए आप दिल्‍ली के कनॉट प्‍लेस में है और आपको लाल किले तक जाना है तो जीपीएस तकनीक की मदद से आसानी से लाल किले का रास्‍ता जीपीएस तकनीक द्वारा लगाया जा सकता है।

 Wi-Fi - वाय-फाय

Wi-Fi (वाई-फाई) रेडियो तरंगों की मदद से नेटवर्क और इंटरनेट तक पहुँचने की एक युक्ति है। यह वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट के इर्द-गिर्द मौजूद मोबाइल फोनों को वायरलैस इंटरनेट उपलब्ध कराने का काम करता है। इस तकनीक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी गति (स्पीड) सामान्य सेवा प्रदाताओं की ओर से दी जाने वाली गति से काफी तेज होती है। यह तकनीक आजकल के नए स्मार्टफोन, लैपटॉप और कंप्यूटर में आसानी से पाई जाती है। एक वायरलेस (बेतार) नेटवर्क बनाने के लिए, एक वायरलेस राउटर की जरूरत पड़ती है।

Bluetooth-ब्लूटूथ

Bluetooth का उपयोग मोबाइल , लैपटॉप या जिस भी डिवाइस में ब्लूटूथ तकनीक है उन डिवाइस में एक से दूसरे डिवाइस के बीच में डाटा ट्रान्सफर आराम से किया जा सकता है साथ ही हर तरह की मीडिया फाइल्स को ट्रान्सफर किया जा सकता है

इसके जरिये आंकड़े , आलेख , और फोटो फाइल्स को आराम से ट्रान्सफर किया जा सकता है साथ ही ऐसे wireless voice के लिए use किया जा सकता है जैसे मोबाइल पर songs सुनने के लिए और calls करने और receive करने के लिए भी हम bluetooth headset का इस्तेमाल कर सकते है ऐसे headset में ब्लूटूथ तकनीक से लेस डिवाइस लगी होती है |

ब्लूटूथ में डाटा ट्रान्सफर के लिए कम फैलाव वाली रेडियो लिंक नाम की तकनीक को इस्तेमाल करते है यानि इसमें रेडियो frequency के जरिये डाटा का ट्रान्सफर होता है हालाँकि यह तकनीक अब wifi और अन्य तकनीक आने के बाद आउटडेटिड हो चुकी है लेकिन अब भी basic phones में और smartphones में भी यह तकनीक आपको दिख जाएगी क्योंकि अब भी कुछ gadgets में इसका उपयोग होता है खासकर wireless headset में |

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